किलकारी एक पहल है, जिसका उद्देश्य समाज के अक्षम व पिछड़े वर्ग के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित कर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना है | साथ ही समाज से ऐसे लोगों को समूह बनाना जो समाज के उठान के लिए शिक्षा को एक अचूक उपाय मानते हैं |
इस मुहीम से समाज के ऐसे लोग जुड़े है जो अपने प्रयासों से इन बच्चों के जीवन व समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं । किलकारी इन बच्चों को शिक्षा सम्बन्धी सभी ज़रूरतें कॉपी किताब, पेन्सिल पेन इत्यादि उपलब्ध कराती है व इन्हें इनकी उम्र के अनुसार उपयुक्त शिक्षा देती है जिससे ये बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा का हिस्सा बन सकें ।
किलकारी में हम इस बात को भी समझते हैं इस मुहीम में मुख्य भूमिका बच्चों के अभिभावकों को ही निभानी है , इस दिशा में बच्चो के अभिभावकों से समय समय पे मिल के उनकी रुचि इस दिशा में बनाये रखने के प्रयास करते है |
ये पहल क्यों ?
१. समाज के इस श्रेणी के बच्चे किसी भी प्रकार की शिक्षा से वंचित रह जाते हैं ,चाहे वो किताबी,स्कूली या सामजिक शिक्षा हो |साथ ही इनके माता पिता की इस दिशा में रुचि न होने से इन बच्चों का भविष्य एक पहेली सी बनी रहती है | समाज भी इनकी स्थिति को लेके उदासीन ही रहता है, ऐसे में किलकारी की ज़रूरत होती है, जहाँ इन्हे शिक्षा का सकारात्मक वातावरण व संसाधन बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराया जा सके |
२. दूसरा मुख्य कारण हमारी शिक्षा व्यवस्था है जो ज्ञान आधारित न हो के केवल उम्र आधारित हैं | इस स्थति में जो बच्चे अपने उम्र के अनुसार ज्ञान नहीं रखते, वे भी उस कक्षा में दाखिल लेने के लिए बाध्य हैं जिसका उन्हें ज्ञान नहीं हैं | ऐसे में किलकारी इन बच्चो को इनकी उम्र के अनुसार शिक्षित कर इनका स्कूल में दाखिला कराती है |